लापरवाह एडीओ पंचायतों को प्रतिकूल प्रविष्टि के साथ थमाई जाएगी चार्जशीट
कांजी हाउस व गौ आश्रय स्थलों में कीचड़ में न रहें गौ वंश : आयुक्त
गोण्डा।
सत्तर प्रतिशत से कम शौचालय निर्माण, फोटो अपलोडिंग व जियो टैगिंग करने वाले मण्डल के सभी ब्लाकों के एडीओ पंचायतों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाय तथा उन्हें चार्जशीट थमाई जाए। इसके अलावा एलओबी की गलत रिपोर्टिंग करने वाले पंचायत सचिवों व ग्राम प्रधानां के खिलाफ भी कठोर कार्यवाही की जाए तथा आगामी 7 अगस्त तक सभी आडिट आपत्तियों का निस्तारण कर उन्हे रिपोर्ट दी जाए। यह निर्देश देवीपाटन मण्डल के आयुक्त महेन्द्र कुमार ने पंचायतीराज विभाग की मण्डल के जनपदों में विभिन्न कार्यों की प्रगति, स्वच्छ भारत मिशन व आडिट आपत्तियों के निस्तारण की समीक्षा के दौरान दिए हैं।
मण्डलायुक्त ने सभी जिला पंचायतराज अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी शौचालयों में कण्डे इत्यादि न रखे जाएं। शौचालयों का उपयोग हर हाल में हो यह वे लोग अपने निरीक्षण में जरूर देखेगें। जिओ टैगिंग की समीक्षा के दौरान ज्ञात हुआ कि गोण्डा में दो लाख साठ हजार, बलरामपरु में पचास हजार नौ सौ, बहराइच में चौहत्तर हजार एक सौ चौहत्तर तथा श्रवास्ती में साठ हजार शौचालयों की जिओ टैगिंग होने के बाद अभी भी अप्रूबल लम्बित है। नाराज आयुक्त ने एक सप्ताह के अन्दर अप्रूबल देने के निर्देश सभी डीपीआरओ को दिए हैं। डीएसई रजिस्ट्रेशन में बलरामपुर व गोण्डा की परफारमेन्स खराब पाई गई।
आयुक्त ने मिशन कायाकल्प के तहत मण्डल के चारों जनपदों में अभियान चलाकर प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों का सौन्दर्यीकरण, आवश्यक प्रबन्ध, व अन्य अभिनव कार्य युद्धस्तर पर कराए जाने के लिए सभी मुख्य विकास अधिकारियों को व्यक्तिगत रूचि लेकर काम कराने के निर्देश दिए गए हैं। पंचायत भवनों के निर्माण व मरम्मत के लिए तत्काल धनराशि अवमुक्त करने के निर्देश सभी डीपीआरओे को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि दीपावली तक मण्डल के सभी स्कूल व पंचायत भवन एकदम दुरूस्त होने जाने चाहिए। इसके अलावा हर ब्लाक में ऐसी ग्राम पंचायत विकसित की जाएं जो कि मिशाल बन सकें। इसके लिए चिन्हित र्ग्राम पंचायतों को पांच-पांच लाख रूपए की अतिरिक्त धनराशि मिलेगी। पंचायतराज समिति की समीक्षा के दौरान मण्डल के चारों जनपदों में स्थिति संतोषजनक नहीं मिली। सबसे खराब स्थिति जनपद बहराइच व श्रावस्ती की पाई गई। आयुक्त ने डीपीआरओ को व्यक्तिगत रूचि लेकर काम करने की नसीहत दी है। इसके अलावा आयुक्त ने मण्डल के चारों जनपदों के जिलाधिकारियों से उनके जिलों की पांच सबसे अच्छी व पांच सबसे खराब ग्राम पंचायतों का निरीक्षण व कार्यवाही की रिपोर्ट मांगी है।
कांजी हाउस के निर्माण व उसमें गौ वंशों के संरक्षण की समीक्षा के दौरान जनपद गोण्डा की स्थिति सबसे खराब रही। नाराज आयुक्त ने अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत गोण्डा को फटकार लगाते हुए चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के अन्दर गौ वंशों की संख्या में वृद्धि न हुई तो उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होने स्पष्ट निर्देश दिए कि कांजी हाउस व गौ आश्रय स्थलों पर रोशनी एवं पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि वहां पर इस प्रकार की व्यवस्था की जाय जानवर कीचड़ में न फंसे। उन्होने निर्देश दिए कि अधिकारी कांजी हाउस व गौ आश्रय केन्द्रों का समय-समय पर निरीक्षण करते रहें।
बैठक में उपनिदेशक पंचायतीराज एसएन सिंह, उपनिदेशक आडिट अरविन्द कुमार, डीपीआरओ गोण्डा घनश्याम सागर, बलरामपुर नरेश चन्द्र, बहराइच बीके पाण्डेय, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत गोण्डा सत्यपाल व बहराइच प्रदीप कुमार तथा अन्य अधिकारी मौजूद रहे।