आर्थिक मंदी के दौर में टैक्स कटौती का निर्णय ऐतिहासिक और साहसिक : मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश निवेश के नये गंतव्य के रूप में तैयार
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कॉर्पोरेट टैक्स कम करने और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लिए गए निर्णयों से भारत, विश्व में निवेश के सबसे आकर्षक गंतव्य के रूप में स्थापित होगा। इससे उत्तर प्रदेश को भी बड़ा लाभ होगा। उन्होंने भरोसा जताया कि केन्द्र सरकार की यह पहल वर्ष-2024 तक देश को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने की कार्ययोजना को मूर्त रूप देने में सहायक होगी। साथ ही, उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी 01 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री रविवार को आईआईएम, लखनऊ में अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स को सम्बोधित कर रहे थे। योगी ने कहा कि वर्तमान विश्व में जब अन्य देशों की अर्थव्यवस्था 2 या 3 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। भारत सरकार विगत 100 दिनों में अनेक महत्वपूर्ण फैसले लेकर भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 5 प्रतिशत से अधिक बनाए रखने में सफल रही है। भारत को निवेश का आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं। टैक्स में कटौती के अतिरिक्त बैंकों के आमेलन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। सीएसआर कानून में सुधारात्मक बदलाव किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन-अमेरिका के ट्रेड वॉर से बड़ी कम्पनियां चीन छोड़ना चाहती हैं। चीन का निर्यात कम हुआ है। वहां सस्ता श्रमिक भी कम हुआ है। चीन की उत्पादकता प्रभावित हो रही है। चीन में निवेश करने वाली कम्पनियों को दूसरा गंतव्य चाहिए। केन्द्रीय वित्त मंत्री ने टैक्स में कमी करके भारत को दुनिया में सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि भारत में सरकार में स्थायित्व है। निवेश की सुरक्षा की गारण्टी है। 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' में देश की रैंकिंग में बड़ा सुधार हुआ है। टैक्स रेट में कटौती तथा कम लेबर वेजेज के चलते देश को फायदा मिलेगा। आर्थिक मंदी के दौर में केन्द्र सरकार ने सतर्कता बरतते हुए आवश्यक कदम उठाए हैं। इससे जरूरी विकास दर प्राप्त कर वर्ष-2024 तक भारतीय अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी।
सीएम योगी ने कहा कि वर्तमान में पूरी दुनिया आर्थिक मंदी से गुजर रही है, ऐसे में टैक्स कटौती कर केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने बहुत ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय लिया है। पूरा उद्योग जगत इसका स्वागत कर रहा है। मार्केट सेंटिमेंट्स के अनुसार इसे आजादी के बाद अर्थ जगत के लिए अब तक का सबसे साहसिक और ऐतिहासिक निर्णय कहा जा सकता है। इससे मार्केट कैप में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिल सकती है। इस निर्णय से देश की मार्केट ने 07 लाख करोड़ रुपए की छलांग लगाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के इस निर्णय से अर्थजगत को नई ताकत मिलेगी। टैक्स रेट कम करने से मंदी की मार झेल रहे उद्योगों को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि भारत की कम्पनियां उच्च टैक्स दर की वजह से दुनिया में प्रतिस्पर्धा में पीछे हो जाती थीं। केन्द्रीय वित्त मंत्री की घोषणा से भारत में कॉर्पोरेट टैक्स दर, साउथ एशिया में सबसे कम हो गयी है। इससे निर्यात बढ़ाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि टैक्स दर में कटौती ने आर्थिक मंदी से निकलने का रास्ता दिया है। ऑटोमोबाइल सेक्टर को इसका बड़ा लाभ होगा। कैपिटल इन्टेसिव उद्योग यथा कन्स्ट्रक्शन, इंजीनियरिंग आदि भी इससे लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के कदमों से देश के साथ ही, प्रदेश को भी बड़ा फायदा होगा। केन्द्र सरकार के फैसले से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक परिणाम आएंगे। राज्य सरकार ने पहले से ही तैयारी कर रखी है। प्रदेश में 21 क्षेत्रवार नीतियां लागू की जा चुकी हैं। कनेक्टिविटी, लैण्ड बैंक आदि में प्रदेश अग्रणी है। बैंकों के साथ सतत समन्वय से प्रदेश के बैंकों के क्रेडिट-डिपॉजिट रेशियो में अपेक्षित सुधार हुआ है। 'ईज ऑफ डूईंग बिजनेस' में राज्य की रैंकिंग बढ़ी है। टैक्स रेट कम होने से प्रदेश को बड़ा फायदा होगा। उत्तर प्रदेश निवेश के नये आकर्षक गंतव्य के रूप में तैयार है। अब तक जो निवेश चीन में जाता था, वह यहां आयेगा। इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। टैक्स दर में कटौती से उत्तर प्रदेश के राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। बल्कि जीडीपी में बढ़ोत्तरी से राजस्व में वृद्धि ही होगी। उन्होंने कहा कि 'ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी' तथा औद्योगिक नीतियों के तहत निवेश करने वाले निवेशकों और उद्यमियों को नियत सुविधाएं समयबद्ध ढंग से प्राप्त हांगी।
इस अवसर पर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आरके सिंह, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।