गरीब के आशियाने पर हुआ अवैध कब्जा
बेघर पीड़ित ने डीएम से की कार्यवाही की मांग
सुलतानपुर।
सुलतानपुर।
पिता के नाम मिली आवासीय कालोनी पर दबंग ने जबरन कब्जा जमा लिया है। अवैध कब्जा हटवाने के लिए पीड़ित ने थाने से लेकर तहसील स्तर तक के अधिकारियों के चक्कर काटे, लेकिन विपक्षी के प्रभाव की वजह से मामला जस का तस रहा। पीड़ित ने डीएम को शिकायती पत्र देकर कार्यवाही की मांग की हैं।
मामला कूरेभार थाना क्षेत्र के पीपरगांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले सालिक राम ने डीएम को दिये शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि उसके पिता के नाम कई वर्षो पूर्व आवासीय कालोनी पास हुई,जिसके बाद उन्होंने अपने पुराने मकान को गिराकर उसी जमीन पर कालोनी का निर्माण कराया। आरोप है कि वर्ष 2016 में सालिक राम के पिता बरखू की मृत्यु हो गयी। जिसके बाद बरखू के स्थान पर सालिकराम का नाम मकान न. 218 पर परिवार रजिस्टर में दर्ज हुआ। बावजूद इसके गांव के मोहन मौर्या ने अपनी दबंगई के बल पर सालिकराम का मकान ही कब्जा कर लिया। नतीजा यह है कि पीड़ित सालिकराम अब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है। मोहन मौर्य के जरिये किये गये अवैध कब्जे को हटवाने के लिए सालिकराम ने समाधान दिवस से लेकर तहसील दिवस पर कई शिकायती पत्र दिये, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी विपक्षी के प्रभाव में सिर्फ कागजों पर ही मामले को निपटाते रहे। नतीजा यह है कि न तो सालिक राम को उसका मकान मिला और न ही विपक्षी मोहन मौर्य का कब्जा ही हटा। परेशान सालिक राम ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर अपने पैतृक मकान पर हुए अवैध कब्जे को हटवाकर कब्जा दिलाये जाने की मांग की है।
मामला कूरेभार थाना क्षेत्र के पीपरगांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले सालिक राम ने डीएम को दिये शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि उसके पिता के नाम कई वर्षो पूर्व आवासीय कालोनी पास हुई,जिसके बाद उन्होंने अपने पुराने मकान को गिराकर उसी जमीन पर कालोनी का निर्माण कराया। आरोप है कि वर्ष 2016 में सालिक राम के पिता बरखू की मृत्यु हो गयी। जिसके बाद बरखू के स्थान पर सालिकराम का नाम मकान न. 218 पर परिवार रजिस्टर में दर्ज हुआ। बावजूद इसके गांव के मोहन मौर्या ने अपनी दबंगई के बल पर सालिकराम का मकान ही कब्जा कर लिया। नतीजा यह है कि पीड़ित सालिकराम अब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है। मोहन मौर्य के जरिये किये गये अवैध कब्जे को हटवाने के लिए सालिकराम ने समाधान दिवस से लेकर तहसील दिवस पर कई शिकायती पत्र दिये, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी विपक्षी के प्रभाव में सिर्फ कागजों पर ही मामले को निपटाते रहे। नतीजा यह है कि न तो सालिक राम को उसका मकान मिला और न ही विपक्षी मोहन मौर्य का कब्जा ही हटा। परेशान सालिक राम ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर अपने पैतृक मकान पर हुए अवैध कब्जे को हटवाकर कब्जा दिलाये जाने की मांग की है।