ऊर्जा मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष लल्लू को भेजा मानहानि का नोटिस
एक हफ्ते में मांफी मांगें या कानूनी कार्यवाही के लिए रहें तैयार
लखनऊ।
लखनऊ।
ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार 'लल्लू' को मानहानि का नोटिस भेजकर एक सप्ताह के भीतर माफी मांगने का अल्टीमेटम दिया है।
ऊर्जा मंत्री ने यह नोटिस श्री लल्लू द्वारा सार्वजिनक रूप से उनके खिलाफ दिये गए झूठे, आपत्तिजनक और अमर्यादित बयानों को लेकर दिया है। कहा कि उनकी डीएचएफएल या सनब्लिंक कंपनी को धन हस्तांतरण में कोई भूमिका नहीं रही है और उनकी भेंट भी उन कंपनियों के किसी अधिकारी से कभी नहीं हुई। वह सितंबर-अक्टूबर में ही नहीं बल्कि कभी विदेश यात्रा पर नहीं गए। भविष्य निधि का प्रबंधन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है जिसमें वह किसी पद पर नहीं हैं और इस कार्य में उनकी कोई भूमिका भी नहीं है। डीएचएफएल को धन हस्तांतरण करने का निर्णय उनके कार्यकाल के नहीं है, वह पूर्व सरकार के समय का है।
ऊर्जा मंत्री ने साफ किया कि वह भविष्य में अपनी वाणी को लेकर विशेष सतर्कता बरतें। उनका आचरण न सिर्फ सार्वजनिक जीवन कि मर्यादाओं के विपरीत था बल्कि समाज जीवन में शुचितापूर्ण ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले व्यक्ति के लिए मानहानिकारक था। यह भी साफ किया कि यदि श्री लल्लू ने माफी नहीं मांगी तो उनके खिलाफ आईपीसी की दंड संहिता की धारा 499 एवं 500 के अंतर्गत मानहानि की दांडिक कार्यवाही के साथ ही दीवानी न्यायालय में हर्जाने के लिए दीवानी की कार्यवाही भी की जाएगी।
ऊर्जा मंत्री ने यह नोटिस श्री लल्लू द्वारा सार्वजिनक रूप से उनके खिलाफ दिये गए झूठे, आपत्तिजनक और अमर्यादित बयानों को लेकर दिया है। कहा कि उनकी डीएचएफएल या सनब्लिंक कंपनी को धन हस्तांतरण में कोई भूमिका नहीं रही है और उनकी भेंट भी उन कंपनियों के किसी अधिकारी से कभी नहीं हुई। वह सितंबर-अक्टूबर में ही नहीं बल्कि कभी विदेश यात्रा पर नहीं गए। भविष्य निधि का प्रबंधन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है जिसमें वह किसी पद पर नहीं हैं और इस कार्य में उनकी कोई भूमिका भी नहीं है। डीएचएफएल को धन हस्तांतरण करने का निर्णय उनके कार्यकाल के नहीं है, वह पूर्व सरकार के समय का है।
ऊर्जा मंत्री ने साफ किया कि वह भविष्य में अपनी वाणी को लेकर विशेष सतर्कता बरतें। उनका आचरण न सिर्फ सार्वजनिक जीवन कि मर्यादाओं के विपरीत था बल्कि समाज जीवन में शुचितापूर्ण ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले व्यक्ति के लिए मानहानिकारक था। यह भी साफ किया कि यदि श्री लल्लू ने माफी नहीं मांगी तो उनके खिलाफ आईपीसी की दंड संहिता की धारा 499 एवं 500 के अंतर्गत मानहानि की दांडिक कार्यवाही के साथ ही दीवानी न्यायालय में हर्जाने के लिए दीवानी की कार्यवाही भी की जाएगी।