पराली जलाने वाले पांच लोगों पर लगा जुर्माना
एनजीटी के निर्देशों का कड़ाई से हो अनुपालन : डीएम
गोण्डा।
गोण्डा।
खेतों में पराली न जलाने के निर्देश के बावजूद न मानने वाले पांच लोगों पर जुर्माना लगाया गया है। यह जानकारी देते हुए उपनिदेशक कृषि डा0 मुकुल तिवारी ने बताया कि ग्राम बरसड़ा ब्लाक बेलसर तहसील तरबगंज निवासी कृष्णपाल सिंह पुत्र राजेन्द्र सिंह, विष्णुपाल सिंह पुत्र राजेन्द्र सिंह, जगदम्बा सिंह पुत्र रामधनी सिंह, विजय प्रताप सिंह पुत्र रामदेव सिंह तथा थाना परसपुर अन्तर्गत ग्राम आंटा निवासी सुभाष सिंह पुत्र रामचन्दर सिंह द्वारा अपने खेतों में धान की कटाई करने के बाद परली जला दी गई। आदेशों को उल्लघन करने पर सभी पांंचों लोगों पर ढाई-ढाई हजार रूपए का जुर्माना लगाया गया है।
जिलाधिकारी डॉ॰ नितिन बंसल ने कहा कि खेतों में पराली जलाकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी, सम्बन्धित के विरूद्ध अर्थदण्ड के साथ ही वैधानिक कार्यवाही भी की जायेगी।
उन्होंने कहा कि पराली अथवा अन्य कृषि अपशिष्टों के जलाये जाने के कारण होने वाले पर्यावरण प्रदूषण की रोक-थाम एवं उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध शासन स्तर पर कड़े निर्देश निर्गत किये गये हैं, जिसके अनुसार फसल अवशेष जलाये जाने पर पॉच हजार रूपये से पन्द्रह हजार रूपये तक अर्थदण्ड लगाये जाने तथा पुनरावृत्ति होने पर एफ0आई0आर0 भी दर्ज कराये जाने का प्राविधान किया गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि इसकी निगरानी के लिये तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मोबाइल स्क्वायड का गठन किया गया है, जिसमें पुलिस व कृषि विभाग के अधिकारी शामिल किये गये हैं, जो धान की कटाई से लेकर गेंहूँ की बुआई होने तक लगातार भ्रमण कर निगरानी करेंगे तथा अवशेष जलने की घटनाओं पर उचिक कदम उठायेंगे।
इसके अतिरिक्त ग्राम प्रधान व सम्बन्धित ग्रामों के लेखपाल यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके गांव में फसल का अवशेष किसी भी दशा में न जलने पाये, साथ ही प्रत्येक राजस्व ग्राम के लिये एक नोडल अधिकारी, कर्मचारी के नियुक्ति भी की जा रही है, जो पूर्णरूप से उत्तरदायी होगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि फसल का अवशेष जलाने पर रासायनिक क्रियाओं से पर्यावरण को बहुत तेजी से नुकसान पहुंचान के साथ ही मानव जीवन भी अस्त-व्यस्त हो रहा है। अतः कोई भी पराली अथवा फसल के अवशेष न जलायें।
जिलाधिकारी डॉ॰ नितिन बंसल ने कहा कि खेतों में पराली जलाकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी, सम्बन्धित के विरूद्ध अर्थदण्ड के साथ ही वैधानिक कार्यवाही भी की जायेगी।
उन्होंने कहा कि पराली अथवा अन्य कृषि अपशिष्टों के जलाये जाने के कारण होने वाले पर्यावरण प्रदूषण की रोक-थाम एवं उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध शासन स्तर पर कड़े निर्देश निर्गत किये गये हैं, जिसके अनुसार फसल अवशेष जलाये जाने पर पॉच हजार रूपये से पन्द्रह हजार रूपये तक अर्थदण्ड लगाये जाने तथा पुनरावृत्ति होने पर एफ0आई0आर0 भी दर्ज कराये जाने का प्राविधान किया गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि इसकी निगरानी के लिये तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मोबाइल स्क्वायड का गठन किया गया है, जिसमें पुलिस व कृषि विभाग के अधिकारी शामिल किये गये हैं, जो धान की कटाई से लेकर गेंहूँ की बुआई होने तक लगातार भ्रमण कर निगरानी करेंगे तथा अवशेष जलने की घटनाओं पर उचिक कदम उठायेंगे।
इसके अतिरिक्त ग्राम प्रधान व सम्बन्धित ग्रामों के लेखपाल यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके गांव में फसल का अवशेष किसी भी दशा में न जलने पाये, साथ ही प्रत्येक राजस्व ग्राम के लिये एक नोडल अधिकारी, कर्मचारी के नियुक्ति भी की जा रही है, जो पूर्णरूप से उत्तरदायी होगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि फसल का अवशेष जलाने पर रासायनिक क्रियाओं से पर्यावरण को बहुत तेजी से नुकसान पहुंचान के साथ ही मानव जीवन भी अस्त-व्यस्त हो रहा है। अतः कोई भी पराली अथवा फसल के अवशेष न जलायें।