प्रदेश सरकार ने बच्चों, गर्भवती महिलाओं, किशोरियों के स्वास्थ्य में किया सुधार
लखनऊ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश में 06 बर्ष तक के बच्चोें, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओें को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से उन्हें अनुपूरक पुष्टाहार दिये जाने पर विशेष बल दिया है। स्वस्थता के लिए यह जरूरी है कि माँ और उसके बच्चे स्वस्थ हो। जब गर्भवती माँ को पौष्टिक आहार मिलता रहेगा तो उसमें जन्म लेने वाला बच्चा भी स्वस्थ होगा। जब बच्चा 06 माह से ऊपर का होता है तो उसे माँ के दूध के अतिरिक्त, वीनिंगफूड, तरल पदार्थ आदि दिये जाने से उसका शारीरिक एवं मानसिक विकास उम्र के हिसाब से होने लगता है। प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में महिलाओं के चतुर्दिक विकास के लिए कई योजनायें संचालित कर रही है, जिसका लाभ उन्हें मिल रहा है।
प्रदेश सरकार ने बच्चों के पोषण पर बल देते हुए प्रत्येक आँगनबाडी केन्द्रों पर बच्चों के पंजीकरण के साथ उनके उम्र के हिसाब से वजन की माप भी कराई है। सरकार ने कुपोषित व अतिकुपोषित पाये गये बच्चों को पुष्टाहार के साथ ही उनके स्वास्थ्य की चेकिंग व इलाज की व्यवस्था भी की है। 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों को वीनिंगफूड मीठा, नमकीन दलिया तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को लडडू प्रीमिक्स, मीठा, नमकीन दलिया तथा प्रतिदिन हाट कुक्ड फूड दिया जा रहा है। गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को लड्डू प्रीमिक्स, मीठा/नमकीन दलिया देते हुए उन्हें स्वस्थ रखा जा रहा है। प्रदेश मंे गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को लगातार निशुल्क चेकिंग कराते हुए उन्हें आवश्यक चिकित्सीय सुविधा भी मुहैया कराई जाती है। उनके स्वास्थ्य की जाँच, आयरन की गोली व अन्य दवाओं को भी समय से मुफ्त में दी जाती है।
प्रदेश के गाँवों, नगरों में 11 से 14 वर्ष की स्कूल न जाने वाली किशोरी बालिकाओं को शिक्षित करने तथा उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार हेतु विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है जिसके अन्तर्गत 53 जिलों में किशोरियों को 4 माह में एक मुश्त 2500 ग्राम काला चना, 1000 ग्राम अरहर दाल, 500-1000 ग्राम तक मोटा अनाज, 450 ग्राम देशी घी भी दिया जा रहा है। प्रदेश के 22 जिलांे मेें 1200 ग्राम मीठा दलिया, 1120 ग्राम नमकीन दलिया, 1350 ग्राम लडडू प्रीमिक्स देते हुए उनके स्वास्थ्य में सुधार लाया जा रहा है। किशोरियों में एनीमिया के स्तर में सुधार हेतु पोषहार के साथ-साथ आयरन की गोली आदि दवायें भी दी जाती है। किशोरी बालिकाओं को उम्र के हिसाब से उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास में आवश्यक प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ देते हुए पोष्टिक बनने में सहायता दी जा रही है।
प्रदेश सरकार ने प्रदेश के समस्त आँगनबाडी केन्द्रों पर सुपोषण स्वास्थ्य मेला का आयोजन करते हुए 5 वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण सामान्य जाँच, दवा वितरण, प्रसवपूर्व महिलाओं का विशेष मेडिकल टीम द्वारा जांच, बच्चों का पुनर्वजन, गर्भवती महिलाओं धात्री महिलाओं किशोरी बालिकाओं की जांच एवं उन्हें आयरन की गोली, दवाये, आदि वितरित की गई है। इन मेलों के आयोजन से आम जनता में जागरूकता आई है और लाभार्थियों द्वारा सरकार के इन कार्यक्रम का लाभ भी प्राप्त किया गया है। प्रदेश सरकार की नीति के अनुसार समस्त आँगनबाडी केन्द्रों पर प्रतिमाह विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। आँगनबाडी केन्द्रों पर प्रत्येक माह के पहले बुधवार को सुपोषण स्वास्थ्य मेला लगता है। बुधवार/शनिवार को ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण दिवस, 5 तारीख को बचपन दिवस, 8 तरीख को किशोरी दिवस, 15 तारीख को ममता दिवस/अन्नप्राशन दिवस, 25 तरीख को लाडली दिवस तथा 30 तारीख को गोदभराई दिवस, मनाते हुए बच्चों, गर्भवती/धात्री महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य का सुधार किया जा रहा है। प्रदेश सरकार की इन योजनाओं से समाज में एक स्वस्थ पीढ़ी तैयार हो रही है।