व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को दिया अर्घ्य
जौनपुर।
पुत्रों की दीर्घायु के लिये सूर्य उपासना के महापर्व डाला छठ के तीसरे दिन शनिवार को व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीणांचलों तक के नदी के घाटों सहित तमाम जलाशयों पर पूजा करने वाली महिलाओं सहित उनके परिजनों की काफी भीड़ रही। सूर्यास्त के बाद सभी महिलाएं घर चली गयी जो रविवार को सुबह भगवान भाष्कर के उदय पर अर्घ्य देकर चार दिवसीय इस अनुष्ठान का समापन करेंगी।
इसके पहले बीते गुरूवार को व्रती महिलाओं ने घर में चूल्हे पर प्रसाद तैयार करके खरना किया। शाम को स्नान करके छठी मइया की पूजा करने के बाद उन्हें रसियाव, खीर, घी लगी रोटी, केला आदि का भोग लगाया। खरना के बाद सुहागिनों की मांग भरकर उन्हें सदा सुहागन रहने का आशीर्वाद दी गयी। तत्पश्चात् परिवार सहित आस-पास के लोगों को खरना का प्रसाद वितरित किया गया। शनिवार को घर से गीत गाते हुये व्रती महिलाओं सहित उनके परिजन सिर पर पूजा की देउरी रखकर गाजे-बाजे के साथ नदियों, तालाबों, नहरों के किनारे पहुंचे। इस मौके पर समूह में छठ मइया की कथा सुनकर व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया।
देखा गया कि जिला मुख्यालय के विसर्जन घाट, गोपी घाट, हनुमान घाट, केरारवीर घाट, गुलर घाट, पांचो शिवाला घाट, गोकुल घाट, सूरज घाट, जोगियापुर, अचला देवी घाट सहित जफराबाद, केराकत, शाहगंज, बदलापुर, मछलीशहर, मड़ियाहूं, मुंगराबादशाहपुर, खुटहन सहित अन्य ग्रामीणांचलों के जलाशयों के किनारे पूजन-अर्चन करने वाली महिलाओं सहित उनके परिजनों व देखने वालों की काफी भीड़ रही जिनकी व्यवस्था के लिये तमाम स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि लगे रहे।
इसके पहले बीते गुरूवार को व्रती महिलाओं ने घर में चूल्हे पर प्रसाद तैयार करके खरना किया। शाम को स्नान करके छठी मइया की पूजा करने के बाद उन्हें रसियाव, खीर, घी लगी रोटी, केला आदि का भोग लगाया। खरना के बाद सुहागिनों की मांग भरकर उन्हें सदा सुहागन रहने का आशीर्वाद दी गयी। तत्पश्चात् परिवार सहित आस-पास के लोगों को खरना का प्रसाद वितरित किया गया। शनिवार को घर से गीत गाते हुये व्रती महिलाओं सहित उनके परिजन सिर पर पूजा की देउरी रखकर गाजे-बाजे के साथ नदियों, तालाबों, नहरों के किनारे पहुंचे। इस मौके पर समूह में छठ मइया की कथा सुनकर व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया।
देखा गया कि जिला मुख्यालय के विसर्जन घाट, गोपी घाट, हनुमान घाट, केरारवीर घाट, गुलर घाट, पांचो शिवाला घाट, गोकुल घाट, सूरज घाट, जोगियापुर, अचला देवी घाट सहित जफराबाद, केराकत, शाहगंज, बदलापुर, मछलीशहर, मड़ियाहूं, मुंगराबादशाहपुर, खुटहन सहित अन्य ग्रामीणांचलों के जलाशयों के किनारे पूजन-अर्चन करने वाली महिलाओं सहित उनके परिजनों व देखने वालों की काफी भीड़ रही जिनकी व्यवस्था के लिये तमाम स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि लगे रहे।