यूपी में 01 नवम्बर तक डेंगू रोग के पाये गये कुल 5,724 केस
लखनऊ।
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि डेंगू रोग की रोकथाम एवं बचाव हेतु राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के फलस्वरूप 01 नवम्बर तक प्रदेश में डेंगू रोग के कुल 5 हजार 724 केस पाये गये हैं तथा कुल 9 मृत्यु की रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जो कि वर्ष 2016 की तुलना में काफी कम है। ज्ञातव्य है कि प्रदेश में वर्ष 2016 में डेंगू के लगभग 15000 केस पाये गये थे तथा डेंगू रोग से कुल 42 मृत्यु हुई थी।
श्री सिंह शुक्रवार को लोक भवन में मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार डेंगू की रोकथाम के लिए गम्भीर है और इस बीमारी पर नियंत्रण के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जेई और एईएस पर 38 जिलों में नियंत्रण किया गया, उसी प्रकार डेंगू पर भी नियंत्रण किया जा रहा है।
डेंगू एक मच्छर जनित बीमारी है जो डेंगू वायरस से होती है। इस रोग को फैलाने वाला मच्छर (एडिज एजिप्टाई) घरों एवं घरों के आस-पास रुके हुये साफ पानी में पनपता है। डेंगू की बीमारी मुख्यतः मानसून एवं मानसून के बाद के महीनों में फैलती है तथा इसमें चक्रीय प्रवृत्ति देखने को मिलती है। प्रत्येक तीन वर्ष के अन्तराल पर डेंगू रोग के मामलों में वृद्वि देखी गयी है।
वर्तमान वर्ष 2019 में डेंगू केसों की संख्या, डेंगू रोग की त्रिवर्षीय चक्रीय प्रवृत्ति के दृष्टिगत वर्ष 2016 के समान अपेक्षित थी। इस संभावना को ध्यान में रखते हुये प्रदेश सरकार द्वारा विशेष प्रयास किये गये। इन प्रयासों के अन्तर्गत मच्छर जनित रोगों से बचाव एवं रोकथाम के लिए 03 विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान (माह -फरवरी, जुलाई एवं सितम्बर, 2019) में व्यापक रूप से चलाये गये।
सभी जनपद स्तरीय चिकित्सालयों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर मच्छरदानीयुक्त डेंगू वार्ड चिहिन्त किये गये। सभी चिकित्सालयों में फीवर हेल्थ डेस्क बनाये गये हैं। डेंगू रोग के उपचार हेतु डेंगू ट्रीटमेन्ट प्रोटोकॉल के सम्बन्ध में जनपद स्तरीय चिकित्सकों को प्रदेश स्तर पर प्रशिक्षित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग एवं नगर विकास विभाग के द्वारा डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु संयुक्त रूप से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। समाचार पत्र, एफएम चैनल, होर्डिंग, माइक द्वारा एवं पम्फ्लेट्स के माध्यम से डेंगू रोग के रोकथाम एवं बचाव हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के कुल 67 हजार 873 स्कूलों में नोडल अध्यापकों का मच्छर जनित बीमारियों से बचाव हेतु संवेदीकरण किया गया है। शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रदेश के विद्यालयों को एडवाइजरी जारी की गयी है कि स्कूल में आने वाले सभी बच्चे पूरी आस्तीन वाली कमीज एवं फुल पैन्ट पहनकर आयें क्योंकि यह मच्छर दिन के समय काटता है।
मुख्य सचिव द्वारा समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुये डेंगू रोग के रोकथाम एवं बचाव हेतु विशेष प्रयास किये जाने के निर्देश दिये गये। जनपद लखनऊ में 1467, कानपुर नगर में 1169, प्रयागराज में 234, सहारनपुर में 216 एवं वाराणसी में 178 डेंगू रोगी चिन्हित हुए।
डेंगू रोग की रोकथाम के लिए प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग एवं नगर विकास विभाग लगातार मिलकर कार्य कर रहे हैं। इसमें मुख्यतः प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय भ्रमण कर मच्छर जनित परिस्थितियों को समाप्त करना, एन्टी लार्वल स्प्रे एवं फॉगिंग का कार्य शामिल है। इसके अलावा, डेंगू रोग से बचाव एवं उपचार हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार का कार्य भी किया जा रहा है।
अब तक प्रदेश के प्रभावित क्षेत्रों में कुल 9 लाख 37 हजार 252 घरों का भ्रमण किया गया, जिसमें कुल 10 लाख 88 हजार 32 कन्टेनर्स की जांच की गयी। मच्छर जनित परिस्थितियां पाये जाने पर कुल 6 हजार 128 लोगों को नोटिस जारी की गयी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हर बुखार डेंगू बुखार नहीं होता है तथा रक्त में प्लेटलेट की कमी होना डेंगू बुखार की पुष्टि नहीं करता है, क्योंकि अन्य वायरल बुखार में भी प्लेटलेट में कमी आती है। बुखार होने पर लोगों को तुरन्त अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर उपचार करायें। उन्होंने साफ-सफाई पर ध्यान रखने तथा जल भराव न होने देने पर बल दिया।
अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने मीडिया प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे डेंगू से बचाव के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए जनता को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार और रक्त की जांच की निःशुल्क व्यवस्था उपलब्ध है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ0 देवेश चतुर्वेदी, सूचना निदेशक शिशिर एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।